कथन वाले दोहे
(i) जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊन छाँड़ति छोह||
(ii) कहि रहीम संपति सगे, बनत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीत||
उदाहरण वाले दोहे
(i) थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरूष निर्धन भए, करें पाछिली बात||
(ii) धरती की-सी रीत है, सीत घाम औ मेह।
जैसी परे सो सहि रहे, त्यों रहीम यह देह||