गांव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था जो रंग-बिरंगी चूड़ियाँ बनाता था जिसके कारण लेखक बचपन में अपने मामा के गांव जाया करता था। लेखक बदलू काका से बेहद प्यार करता था उनके गांव के लोग उनको "बदलू काका" कहकर बुलाया करते थे इसलिए लेखक भी बदलू काका कहकर बुलाने लगा । वह लेखक को बहुत सारी लाख की गोलियां दिया करता था इसलिए लेखक अपने मामा के यहाँ बहुत ख़ुशी-ख़ुशी जाया करता था।