साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै के व्यक्तित्व के विविध रूपों की झलक मिलती है। एक ओर उनका धैर्यवान चरित्र उभरता है, वहीं दूसरी ओर वे एक तुनक-मिजाजी व्यक्ति भी थे। वे अत्यंत सरल-सहज स्वभाव वाले व्यक्ति थे। वे एक स्पष्ट वक्ता थे, वहीं भावुक प्रवृति के व्यक्ति भी थे। जब वे अपने जीवन के आर्थिक संघर्षों का जिक्र करते हैं, और वहीं लोकल ट्रैन की घटना से भावुक भी होते है। उन्होंने हमेशा अपने कर्म के प्रति सर्वदा ईमानदारी का व्यवहार अपनाया है।