(क) किसान को बादलों का इंतज़ार इसलिए रहता है क्योंकि वो पानी बरसाते हैं जिससे उसके खेत सींचे जाते हैं।
(ख) कवि को वर्षा के समय किसान की याद इसलिए आती है क्योंकि किसान अपनी खेती से ही हम सभी का पेट भरता है।
(ग) कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से की है क्योंकि जैसे चातक पक्षी स्वाति नक्षत्र की बूंद ही पीता है अन्यथा प्यासा मर जाता है, उसी प्रकार किसान अपनी धरती की प्यास बुझाने के लिए वर्षा की आस देखता है।