(क) गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को निम्नलिखित प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ा-जैसे कि मूल्यवान गुड़ियों के होने से उनके खराब होने का डर व उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने व संग्रह के लिए सुरक्षित स्थान खोजने में बहुत ही ज्यादा कठिनाई का सामना होना।
(ख) बाल चित्रकला प्रतियोगता करवाकर वे उनका भविष्य में भला करना चाहते थे जिसके द्वारा बच्चे को अपनी कला व क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए विश्वव्यापी मंच मिलता था साथ ही साथ तथा देश-विदेश के बच्चों से मिलने एवं उन्हें समझने का भी मौका मिलता था।
(ग) केशव शंकर पिल्लै ने गुड़ियों का संग्रह भारतीय बच्चों के लिए किया क्योंकि भारतीय बच्चे विदेश की गुड़िया ना तो खरीद सकते थे और ना ही उन्हें देख सकते थे तो उन्होंने सोचा कि क्यों ना बच्चे भारत में ही गुड़िया देखें और उन्हें खरीद सकें और इसके साथ-साथ उन्हें अधिक देश-विदेश की जानकारी मिल सके।
(घ) अपने कैंप के माध्यम से वह पूरे देश के बच्चों को एक जगह एकत्रित करके एक दूसरे से मिलने एवं एक दूसरे को समझने का मौका देना चाहते थे ताकि बच्चे एक दूसरे से मिले और अपने विचारों को एक दूसरे के साथ साझा करें क्योंकि उस समय ना तो टीवी था और ना ही इंटरनेट का कोई माध्यम।