NCERT Solutions for Chapter - 13 Ek Tinaka

Orchids' Class 7 Vasant Chapter 13 solution provides a comprehensive set of questions and answers. Hindi, being a widely used language, forms a crucial part of the CBSE curriculum, requiring students to build a strong foundation in Hindi literature. This chapter, "Ek Tinaka," available through Orchids, offers an intricate understanding of its concepts. Through diligent practice with the provided questions in this chapter, students can significantly enhance their performance in examinations.

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The NCERT Solutions for Chapter - 13 Ek Tinaka are tailored to help the students master the concepts that are key to success in their classrooms. The solutions given in the PDF are developed by experts and correlate with the CBSE syllabus of 2023-2024. These solutions provide thorough explanations with a step-by-step approach to solving problems. Students can easily get a hold of the subject and learn the basics with a deeper understanding. Additionally, they can practice better, be confident, and perform well in their examinations with the support of this PDF.

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Students can access the NCERT Solutions for Chapter - 13 Ek Tinaka. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

कविता से

Question 1 :

नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।

जैसे- एक तिनका आँख में मेरी पड़ा - मेरी आँख में एक तिनका पड़ा।

मूँठ देने लोग कपड़े की लगे - लोग कपड़े की मूँठ देने लगे।

(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा- …………………………………………

(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी- …………………………………………

(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी- …………………………………………

(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया- ………………………………….

 

Answer :

(क) एक दिन जब मुंडेरे पर खड़ा था।

(ख) आँख भी लाल होकर दुखने लगी।

(ग)  बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भगी।

(घ) किसी ढब से जब तिनका निकल गया।


Question 2 :

'एक तिनका' कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?

Answer :

जब कवि एक दिन अपने घर के मुंडेरे पर खड़े थे उस वक्त वह घमंड में थे। तब हवा में उड़कर एक तिनका उनकी आँख में गिर गया। तिनके की वजह से उसकी आँख लाल हो गई वह बेचैन हो गया। आस पास के सभी लोग तिनका निकालने के लिए प्रयत्न करने लगे। जब तिनका आँख से निकल गया तब कवि को समझ आया कि हमें किसी बात का घमंड नहीं करना चाहिए। एक छोटा सा तिनका भी हमें परेशान कर सकता है।


Question 3 :

आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?

Answer :

घमंडी की आँख में तिनका पड़ने के बाद वह बेचैन हो गया, उसकी आँख लाल हो गई, आँख में दर्द होने लगा तथा उसे लग रहा था कि किसी भी तरह यह तिनका आँख से निकल जाए।

 


Question 4 :

घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया ?

 

Answer :

घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए आसपास के लोगों ने, घमंडी को कपड़े की मूंठ देने लगे जिससे कि तिनका उसकी आँख से निकल जाए।

 


Question 5 :

 ' एक तिनका' कविता में घमंडी को उसकी 'समझ' ने चेतावनी दी-

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा, 

एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है-

तिनका कबहूँ न निदिए, पाँव तले जो होय।

कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।

• इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।

 

Answer :

उपर्युक्त काव्यांशों की पंक्तियों में समानता यह है कि दोनों ही काव्यांशों में एक तिनके का महत्व बताया गया है, किसी को भी कभी-भी किसी प्रकार का अहंकार नहीं करना चाहिए। एक तिनके का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि जब ये छोटा सा तिनका भी जब आँख में पड़ जाए तो मनुष्य को बेचैन कर देता है।

इन दोनों काव्यांशों की पंक्तियों में अंतर यह है कि ‘एक तिनका’ कविता में कवि ने दर्शाया है कि छोटे से तिनके में मनुष्य का घमंड तोड़ देने की शक्ति है।

जबकि कबीर ने कहा है कि तिनके को कभी पाँव तले मत रौंदो न जाने कब वह उड़कर आँख में पड़ जाए और बहुत दर्द सहना पड़े अर्थात् छोटा व्यक्ति भी कभी-कभी नुकसान पहुँचा सकता है।

 


अनुमान और कल्पना

Question 1 :

इस कविता को कवि ने ‘मैं’ से आरंभ किया है- ‘मैं घमंडों में भरा हुआ ऐंठा हुआ । कवि का यह ‘मैं’ कविता पढ़ने वाले व्यक्ति से भी जुड़ सकता है और तब अनुभव यह होगा कि कविता पढ़ने वाले व्यक्ति अपनी बात बता रहा है। यदि कविता में ‘मैं’ की जगह ‘वह’ या कोई नाम लिख दिया जाए, तब कविता के वाक्यों के बदलाव की जाएगा। कविता में ‘मैं’ के स्थान पर ‘वह’ या कोई नाम लिखकर वाक्यों के बदलाव को देखिए और कक्षा में पढ़कर सुनाइए।

 

Answer :

वह घमंडों में भरा ऐंठा हुआ।

एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा

आ अचानक दूर से उड़ता हुआ, 

एक तिनका आँख में उसकी पड़ा

वह झिझक उठा, हुआ बेचैन सा

लाल होकर आँख भी दुखने लगी।

मूठ देने लोग कपड़े की लगे, 

ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी ।। 

जब किसी ढब से निकल तिनका गया, 

तब उसकी ‘समझ’ ने यों उसे ताने दिए। 

ऐंठता तू किसलिए इतना रहा, 

एक तिनका है बहुत तेरे लिए।

 


Question 2 :

 नीचे दी गई पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए

ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी,

तब ‘समझ’ ने यो मुझे ताने दिए।

• इन पंक्तियों में ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ शब्दों का प्रयोग सजीव प्राणी की भाँति हुआ है। कल्पना कीजिए, यदि ‘ऐंठ’ और ‘समझ’ किसी नाटक में दो पात्र होते तो उनको अभिनय कैसा होता?

 

Answer :

यदि ऐंठ और समझ के बीच नाटक में वार्तालाप होगा तो इस प्रकार होता

ऐंठ- समझ तू स्वयं को बहुत समझदार समझती है।

समझ- ऐंठ क्यों इतनी ऐंठती हो?

ऐंठ- समझ पता नहीं तू समझदारी कब दिखाएगी? 

समझ- पता नहीं ऐंठ की ऐंठ कब जाएगी

ऐंठ- भगवान करे तुझे जल्द ही समझ आ जाए।

समझ - भगवान करे तेरी ऐंठ जल्दी से हवा हो जाए।

 


Question 3 :

नीचे दी गई कबीर की पंक्तियों में तिनका शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार किया गया है। इनके अलग-अलग अर्थों की जानकारी प्राप्त करें।

उठा बबूला प्रेम का, तिनका उड़ा अकास ।

तिनका-तिनका हो गया, तिनका तिनके पास।।

 

Answer :

हवा के झोंके से उड़कर जिस प्रकार तिनके असमान में चले जाते हैं। आसमान में सभी तिनके बिखर जाते हैं। उसी प्रकार यदि मनुष्य ईश्वर के प्रेम में लीन होता है, वह सांसारिक मोह से ऊपर उठ जाता है ।। आत्मा का परिचय प्राप्त कर पर। आत्मा से मिल जाता है। इसका अर्थ यह होता है कि मनुष्य को अपने अस्तित्व की पहचान हो जाती है। मनुष्य सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त होकर परमात्मा की प्राप्ति कर लेता है।

 


भाषा की बात

Question 1 :

 'किसी ढब से निकलना' का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ढब से' जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे- धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धर्म से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है।'धम से', 'छप से' इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं। उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए –

छप से, टप से, थरै से, फुर्र से, सन् से

(क) मेंढक पानी में ……….. कूद गया।

(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद ………… चू गई।

(ग) शोर होते ही चिड़िया ………. उड़ी।

(घ) ठंडी हवा ………. गुजरी, मैं ठंड में ……….. काँप गया।

 

Answer :

(क) मेंढक पानी में छप से कूद गया। 

(ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूंद टप से चू गई।

(ग) शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ी।

(घ) ठंडी हवा सन् से गुजरी, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।

 


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