Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 17 : Makhanlal Chaturved

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Students can access the Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter 17 : Makhanlal Chaturved. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Hindi much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

Makhanlal Chaturvedi

Question 1 :

कवि ने कोकिल के बोलने के किन कारणों की संभावना बताई ?

Answer :

कवि ने कोयल के बोलने की निम्न संभावनाएँ बताई हैं –
(1) कोकिला शायद कोई संदेशा पहुँचाना चाहती है।
(2) उसने दावानल की लपटें देख लीं है।
(3) समस्या गंभीर है इसलिए वह सुबह होने की प्रतीक्षा नहीं कर पाती है।


Question 2 :

किस शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गई है और क्यों ?

Answer :

अंग्रेजी शासन की तुलना कवि ने तम के प्रभाव से की है क्योंकि अँग्रेज शासन प्रणाली अन्यायपूर्ण थी। वे हमारे देशवासियों पर अनेक प्रकार के जुल्म ढा रहे थे।


Question 3 :

कवि के स्मृति-पटल पर कोयल के गीतों की कौन सी मधुर स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें वह अब नष्ट करने पर तुली है ?

Answer :

कवि के स्मृति पटल पर कोयल की कर्णप्रिय अत्यंत मधुर स्वर की स्मृतियाँ अंकित हैं, जिन्हें अब वह नष्ट करने पर तुली है।

 


Question 4 :

कोयल की कूक सुनकर कवि की क्या प्रतिक्रिया थी ?

Answer :

कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगता है जैसे कोयल उसके लिए कोई संदेशा लेकर आई है, संदेशा शायद अति महत्वपूर्ण है इसलिए कोयल ने सुबह होने का भी इन्तजार नहीं किया।


Question 5 :

कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाओं का वर्णन कीजिए।

Answer :

कविता के आधार पर पराधीन भारत की जेलों में दी जाने वाली यंत्रणाए निम्न थी –
1. कैदियों से पशुओं की तरह काम करवाया जाता था।
2. अँधेरी कोठरियों में कैदियों को जंजीरों से बाँध कर रखा जाता था।
3. कोठरियाँ भी काफी छोटी होती थी।
4. खाने को भी कम दिया जाता था।
5. क्रांतिकारियों को चोर, लुटेरे और डाकूओं के साथ रखा जाता था।
6. जेल में अमानवीय यातनाएँ दी जाती थी।


Question 6 :

भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) मृदुल वैभव की रखवाली-सी, कोकिल बोलो तो!
(ख) हूँ मोट खींचता लगा पेट पर जूआ, खाली करता हूँ ब्रिटिश अकड़ का कुँआ।

Answer :

(क) मृदुल वैभव की रखवाली से यहाँ कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज़ से है। उसकी आवाज़ में मिठास होने के बाद भी जब वह वेदना पूर्ण आवाज़ में चीख़ उठती है तो कवि उससे उसकी वेदना का कारण पूछता है।

(ख) अंग्रेज़ी सरकार कवि से पशुओं के समान परिश्रम करवाते हैं। कवि के पेट पर जुआ बाँधकर कुँए से पानी निकाला जाता है। परन्तु इससे भी वे दु:खी नहीं होते तथा अंग्रेज़ी सरकार के षड़यंत्र को विफल कर उनकी अकड़ को समाप्त कर देना चाहते हैं।


Question 7 :

अद्धरात्रि में कोयल की चीख से कवि को क्या अंदेशा होते है ?

Answer :

अद्धरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को अनेकों अंदेशे होते है जैसे शायद कोयल पागल तो नहीं हो गयी है, या शायद वह किसी कष्ट में है या कोई सन्देश लेकर आईं हैं या यह भी हो सकता है कि वह क्रांतिकारियों के दुःख से द्रवित होकर चीख रही हो।


Question 8 :

 कवि को कोयल से ईर्ष्या क्यों हो रही है ?

Answer :

कवि को कोयल से ईर्ष्या हो रही है इसका सबसे बड़ा कारण कोयल की स्वतंत्रता तथा कवि की पराधीनता है। कवि अंग्रेज़ी सरकार की काल-कोठरी में कैद है परन्तु कोयल हरियाली डाली पर रहती है। वह पूरे आकाश में स्वतंत्र उड़ सकती है परन्तु कवि की दुनिया काल-कोठरी के अंधकारमय जीवन में सिमटकर रह गई है। कोयल गीत गाकर अपनी खुशी ज़ाहिर कर सकती है परन्तु कवि के लिए रोना भी गुनाह है जिसकी उसे सज़ा मिल सकती है।


Question 9 :

 हथकड़ियों को गहना क्यों कहा गया है ?

Answer :

कवि के लिए लोहे की हथकड़ियाँ गहनों के समान है । कवि अँग्रेज सरकार द्वारा पहनाई गई उन बेड़ियों को बंधन नहीं समझता है क्योंकि उन्होंने ने किसी गलत कार्य के लिए ये बेड़ियाँ नहीं पहनी है अत: उनके लिए यह गौरव की बात है कवि ने हथकड़ियों को गहना इसी उद्देश्य से कहा है।


Question 10 :

‘कलि तू …..ऐ आली!’ – इन पंक्तियों में ‘काली’ शब्द की आवृत्ति से उत्पन्न चमत्कार का विवेचन कीजिए।

Answer :

इन कविता की पंक्तियों में कवि ने नौ बार काली शब्द का प्रयोग किया है। शब्द तो एक ही है परन्तु भिन्न -भिन्न अर्थों में इसका प्रयोग किया गया है। कही पर यह शब्द अँग्रेज सरकार के काले शासन को संबोधित कर रहा है तो कहीं वातावरण की कालिमा और निराशा को उजागर कर रहा है।


Question 11 :

काव्य – सौंदर्य स्पष्ट कीजिए –
तेरे गीत कहावें वाह, रोना भी है मुझे गुनाह!
देख विषमता तेरी – मेरी बजा रही तिस पर रणभेरी!

Answer :

भाव – सौंदर्य – यहाँ पर कवि और कोयल के जीवन का तुलनात्मक वर्णन हुआ है। कोयल के गीत जहाँ सब ओर से प्रशंसा पाता हैं वही कवि का रोना अर्थात् अपनी बात को व्यक्त करना भी गुनाह माना जाता है।
शिल्प – सौंदर्य -कवि ने यहाँ तुकबंदी का प्रयोग किया है। तेरी मेरी, वह गुनाह में स्वर मैत्री तथा अनुप्रास अलंकार है।


रचना और अभिव्यक्ति

Question 1 :

काव्य – सौंदर्य स्पष्ट कीजिए –
किस दानावल की ज्वालाएँ हैं दीखीं ?

Answer :

भाव सौंदर्य – कवि ने यहाँ पर प्रश्नात्मक शैली में कोयल की इस वेदनापूर्ण आवाज़ पर अपनी आशंका व्यक्त की है। कोयल ने ऐसा क्या देख लिया है जिसके कारण वह इतनी व्यथित है।
शिल्प – सौंदर्य – दावानल की ज्वालाएँ में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है। भाषा तत्सम शब्द युक्त खड़ी बोली है। भाषा में सहजता और सरलता है।


Question 2 :

कवि जेल के आसपास अन्य पक्षियों का चहकना भी सुनता होगा लेकिन उसने कोकिला की ही बात क्यों की है ?

Answer :

ब्रिटिश सरकार स्वतंत्रता सेनानियों तथा अपराधियों में कोई अंतर नहीं समझती थी। ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों के अधिकार को छीन लिया था। अत: अपने अधिकारों की प्राप्ति तथा भारत वासियों को आज़ादी दिलाने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। भारतीयों पर अपना वर्चस्व कायम रखने तथा स्वतंत्रता सेनानियों के मनोबल को तोड़ने के लिए वे स्वतंत्रता प्रेमियों तथा अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार करते थे।


Question 3 :

आपके विचार से स्वतंत्रता सेनानियों और अपराधियों के साथ एक-सा व्यवहार क्यों किया जाता होगा ?

Answer :

ब्रिटिश सरकार भारत की स्वतंत्रता के विरोध में थी। वह क्रांतिकारियों को दबाना चाहती थी। इसलिए वह उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से पीड़ित करती थी। उन्हें मानसिक रूप से तोड़ने के लिए उन्हें चोरों, अपराधियों, बटमारों के साथ रखती थी तथा आम अपराधियों जैसा दुर्व्यवहार करती थी।


Question 4 :

पराधीन भारत की कौन-कौन सी जेलें मशहूर थीं, उनमें स्वतंत्रता सेनानियों को किस-किस तरह ही यातनाएँ दी जाती थीं? इस बारे में जानकारी प्राप्त कर जेलों की सूची एवं स्वतंत्रता सेनानियों के नामों को राष्ट्रीय पर्व पर भित्ति पत्रिका के रूप में प्रदर्शित करें।

Answer :

पराधीन भारत में निम्नलिखित जेलें मशहूर थीं-
•अंडमान निकोबार की जेल
•पोरबंदर की जेल
•इलाहाबाद की नैनी जेल
•कोलकाता जेल
•पूना की यरवदा जेल
इन जेलों में स्वतंत्रता सेनानियों को अमानवीय स्थितियों में रखा जाता था। उन्हें सीलन भरे छोटे-छोटे कमरे में रखा जाता था ताकि वे बीमार हो जाएँ। उन्हें पेटभर खाना नहीं दिया जाता था। उनसे जानवरों की भाँति काम करवाया जाता था। उन्हें बार-बात पर गालियाँ दी जाती थीं और मारा-पीटा जाता था। भित्ति पत्रिका पर प्रदर्शन का कार्य छात्र स्वयं करें।


Question 5 :

स्वतंत्र भारत की जेलों में अपराधियों को सुधारक हृदय परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जाता है। पता लगाइए कि इस दिशा में कौन-कौन से कार्यक्रम चह रहे हैं ?

Answer :

•स्वतंत्रता भारत की जेलों में अपराधियों को सुधार कर उनका हृदय परिवर्तन करने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं; जैसे
•उन्हें लघु एवं कुटीर उद्योगों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
•उन्हें नशा न करने की प्रेरणा देने हेतु नशा मुक्ति केंद्र चलाया जाता है।
•उन्हें योग-व्यायाम आदि सिखाया जाता है।
•उनकी शिक्षा का प्रबंध किया जाता है।
•अनेक कार्यक्रमों के द्वारा उनका मनोरंजन किया जाता है।
•समय-समय पर उनके लिए प्रवचन आयोजित किए जाते हैं।


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