NCERT Solutions Class 9 Hindi Sanchayan Chapter 27: Hammid Khan

Class 9 Hindi Sanchayan 27 forms an integral part of the learning curriculum of the children at Orchids International School. The portfolio consists of Hammid Khan's creation, which holds subtle themes and multiple styles of literature that make for an all-inclusive view of Hindi Literature. This is why most students and teachers have been waiting for the class 9 Hindi Sanchayan 27 PDF so that they would be at ease accessing text and its deeper meaning.

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Hammid Khan

Question 1 :

 लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्तितियों में हुआ?

 

Answer :

लेखक भारत के रहने वाले थे। एक रोज़ वह गर्मियों में तक्षिला के खंडहर देखने गए थे। तेज़ गर्मी में भूख और प्यास के मारे लेखक का बुरा हाल था। खाने की खोज में वह पास के एक गाँव की ओर चल दिए। वहाँ की तंग और गंदी गलियों में लेखक खाने के लिए होटल ढूंढने लगे। कुछ दूर जाने पर पास ही एक दुकान पर रोटियाँ सेंकी जा रही थीं,जिसकी खुशबू से लेखक उस दुकान की ओर खींचे चले गए। वहीं लेखक का परिचय हामिद खाँ से हुआ,जो वहाँ रोटियाँ बना रहा था और वह उसके अब्बा जान की दुकान थी। हामिद खाँ पाकिस्तान का रहने वाला मुस्लिम था और लेखक भारत के एक हिंदू ,पर दोनों ही एक-दूसरे से बहुत प्रभावित हुए। लेखक ने हामिद खाँ को बताया कि भारत में जहाँ वह रहते हैं,वहाँ हिंदू-मुस्लिम कितने प्रेम से रहते हैं। हामिद खाँ ने लेखक की मेहमान नवाज़ी में कोई कसर नहीं छोड़ी और न ही उनसे खाने के पैसे लिए। 

 


Question 2 :

'काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता। '-हामिद ने ऐसा क्यों कहा?

 

Answer :

 जब लेखक ने हामिद खाँ को बताया कि वह भारत से हैं और हिंदू हैं तो हामिद खाँ को यकीन नहीं हुआ और उसने लेखक से पूछा कि क्या वह हिंदू होकर भी एक मुस्लमान होटल में खाना खाएँगे। लेखक ने उसे बताया कि हिंदुस्तान में जब भी किसी को बढ़िया चाय पीनी हो या अच्छा पुलाव खाना हो तो लोग मुसलमानी होटल में ही जाते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में मुसलमानों ने जिस पहली मस्जिद का निर्माण किया था वह लेखक के ही राज्य में है। लेखक ने उन्हें यह भी बताया कि भारत में जहाँ वह रहते हैं वहाँ हिंदू-मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं और दंगे न के बराबर होते हैं। यह सब सुनकर हामिद खाँ को यकीन नहीं हुआ पर वह यह सब खुद अपनी आँखों से देखना चाहता था। 

 


Question 3 :

हामिद खाँ को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था?

 

Answer :

लेखक ने हामिद खाँ को बताया कि भारत में हिंदू-मुसलमान मिलकर रहते हैं और दंगे भी न के बराबर होते हैं। वहाँ अच्छी चाय पीने और पुलाव खाने के लिए लोग मुसलमानी होटल में जाते हैं। पाकिस्तान में हिंदू-मुसलमान रिश्तों में भिन्नता थी और उनमें बहुत दूरियाँ भी। इसी कारण हामिद खाँ को लेखक की बातों पर विश्वास नहीं हुआ। 

 


Question 4 :

 हामिद खाँ ने खाने का पैसा लेने से इंकार क्यों किया?

 

Answer :

 हामिद खाँ लेखक और उनकी बातों से बहुत प्रभावित था कि भारत में हिंदू-मुसलमान कितने प्रेमपूर्वक रहते हैं। उसे इस बात की भी बहुत प्रसन्नता थी कि लेखक हिंदू होते हुए भी उसकी दुकान पर खाना खाने आए। लेखक हामिद खाँ  के मेहमान थे और वह चाहता था कि लेखक अपने भाई हामिद खाँ को भारत जाकर भी याद करें,इसी कारण हामिद खाँ  ने लेखक से खाने का पैसा लेने से इंकार कर दिया। 

 


Question 5 :

 मालाबार में हिंदू-मुसलमानों के परस्पर संबंधों को अपने शब्दों में लिखिए। 

 

Answer :

 मालाबार में मुसलमानों द्वारा भारत में बनाई गई पहली मस्जिद स्थित है। वहाँ हिंदू-मुसलमान आपस में प्रेमपूर्वक रहते हैं और धर्म के नाम पर दंगे न के बराबर होते हैं। वहाँ बढ़िया खाना खाने के लिए हिंदू मुसलमानी होटल में जाते हैं और हिंदू-मुसलमान में आपसी भाईचारे के और मिलनसार संबंध हैं। 

 


Question 6 :

तक्षिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा? इससे लेखक के स्वाभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है?

 

Answer :

 जब लेखक ने तक्षिला में आगजनी की खबर पढ़ी तो लेखक को तुरंत हामिद खाँ का ध्यान आया। लेखक एक बार गर्मियों में तक्षिला के खंडहर घूमने गए थे और वहीं उन्होंने हामिद खाँ की दुकान पर खाना खाया था। हामिद खाँ ने लेखक की मेहमान नवाज़ी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और उनसे खाने के पैसे भी नहीं लिए थे। लेखक को वहाँ बहुत अपनेपन से खाना खिलाया गया था। तक्षिला में आगजनी की खबर पढ़ते ही लेखक को अपने भाई हामिद खाँ की चिंता होने लगी और उन्होंने हामिद खाँ के लिए प्रार्थना भी की। इससे लेखक के धर्म-निरपेक्ष और धार्मिक-एकता के स्वाभाव का परिचय मिलता है। लेखक में हिंदू-मुसलमान के प्रति कोई भेद-भाव नहीं था और वह बराबरी में विश्वास करते थे। 

 


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