NCERT Solutions Class 9 Hindi Kshitij Chapter18: Sumitranandan Pant

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Sumitranandan Pant

Question 1 :

 अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं ?

Answer :

अरहर और सनई के खेत कवि को ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे वसुधा ने फलियों के रूप में अपनी कमर पर सुनहरी रंग की करधनी बाँध रखी हो।


Question 2 :

निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है ?
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक

Answer :

हरे हरे – पुनरुक्ति अलंकार है।
हिल हरित – अनुप्रास अलंकार है।
तिनकों के तन पर – मानवीकरण अलंकार है।


Question 3 :

 कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ क्यों कहा है?

 

Answer :

कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ इसलिए कहा है क्योंकि उसकी शोभा अनुपम है। चारों तरफ़ हरियाली के कारण धरती प्रसन्न है। गाँव का प्राकृतिक सौंदर्य सभी के मन को छूता है।


Question 4 :

कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है ?

Answer :

कविता में वसंत ऋतु के सौंदर्य का वर्णन है। इसी ऋतु में में पेड़ों से पत्ते गिरते हैं और उन पर नई कोपलें, पत्तियाँ, फल और फूल आने शुरू होते हैं। फसलों तथा सब्जियों के फलने -फूलने का भी यही समय होता है।


Question 5 :

गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ क्यों कहा गया है ?

Answer :

 ‘मरकत’ ‘पन्ना’ नामक रत्न को कहते हैं। जिसका रंग हरा होता है। मरकत के खुले डिब्बे से सब कुछ साफ़-साफ़ दिखता है। मरकत के हरे रंग की तुलना गाँव की हरियाली से की गई है। गाँव का वातावरण भी मरकत के खुले डिब्बे के समान हरा भरा तथा खुला-खुला सा लगता है। इसलिए गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ कहा गया है।


Question 6 :

1 भाव स्पष्ट कीजिए –
बालू के साँपों से अंकित
गंगा की सतरंगी रेती

2 भाव स्पष्ट कीजिए –
हँसमुख हरियाली हिम-आतप
सुख से अलसाए-से सोए

Answer :

1 .प्रस्तुत पंक्तियों में गंगा नदी के किनारे फैली रेत को सतरंगी कहा है। पानी की लहरों और हवा के कारण इस पर टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएँ पड़ जाती है, जो सूरज के प्रभाव से चमकने लगती हैं और साँपों के चलने से बने निशानों सी दिखती है। 

 2. हरियाली सूरज के प्रकाश में जगमगाती हुई हँसमुख सी प्रतीत होती है। सर्दी की धूप भी खिली-खिली है ऐसे में लगता है जैसे दोनों आलस्य से भरकर सोए हुए हों।


रचना और अभिव्यक्ति

Question 1 :

भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी ? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।

Answer :

प्रस्तुत कविता भाव तथा भाषा दोनों ही तरफ़ से अत्यंत आकर्षक है। यहाँ प्रकृति का मनमोहक रुप प्रस्तुत किया गया है तथा प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। कविता की भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है। कविता को कठिन भाषा के प्रयोग से बोझिल नहीं बनाया गया है। अलंकारो का प्रयोग करके कविता के सौन्दर्य को बढ़ाया गया है। रुपक, उपमा, अनुप्रास अलंकारो का प्रयोग उचित स्थान पर किया गया है।


Question 2 :

आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए।

Answer :

मेरे मुंबई शहर की बरसात
उमस से राहत दिलानेवाली बरसात
खुशियों से सराबोर करनेवाली बरसात
मेरे मुंबई शहर की बरसात
चाय की चुस्की और गर्म पकौड़ियों वाली बरसात
मरीन ड्राइव पर सागर की अठखेलियोंवाली बरसात
मेरे मुंबई शहर की बरसात
कीचड़ से लथपथवाली बरसात
सडकों पर ट्रैफिक जामवाली बरसात
मेरे मुंबई शहर की बरसात
आपाधापी और रेलमपेलम वाली बरसात
मजदूरों से रोटी, रोजी छिनने वाली बरसात
मेरे मुंबई शहर की बरसात
आफिस स्कूलों से छुट्टियाँ की आस बढ़ाने वाली बरसात
मन अंतर आत्मा को छूने वाली बरसात
मेरे मुंबई शहर की बरसात

 


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